रांची : झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाले की लंबी फेहरिश्त रही है। कागज पर संचालित दर्जनों संस्थानों के नाम पर झारखंड गठन के बाद अरबों की छात्रवृत्ति बांट दी गई। इतना ही नहीं कमजोर डिलीवरी मैकेनिज्म की वजह से डॉक्टर, इंजीनियर, ठेकेदार, शिक्षक समेत राज्य सरकार में बड़े-बड़े ओहदे पर बैठे लोगों ने भी अपने पुत्र-पुत्रियों और रिश्तेदारों के नाम पर छात्रवृत्ति की भारी भरकम राशि हथिया ली। हालिया मामला चतरा का है। अधिकारियों ने सारे नियमों को ताक पर रखकर छात्रवृत्ति मद में 9.33 करोड़ रुपये की बंदरबांट कर ली।